लड़कियों को 'इन दिनों' यौन संबंध बनाने में आता है सबसे अधिक आनंद

वाशिंगटन। लगभग सभी जोड़े यौन संबंध बनाने के लिए आतुर रहते हैं। लोग सेक्‍स के जरिए से अपने पार्टनर के ज्‍यादा नजदीक आना चाहते हैं। हाल ही में एक अध्‍ययन किया गया है जिसमें बताया गया है कि किन दिनों में महिलाओं को यौन संबंध बनाना ज्‍यादा अच्‍छा लगता है।

इस अध्‍ययन के जरिए से कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं। अध्‍ययन में पाया गया है कि लड़कियों को मासिक पूरा होने के पांच से सात दिनों तक यौन संबंध बनाना ज्‍यादा अच्‍छा लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि मासिक पूरा होने के बाद युवतियों में सेक्‍स के लिए उत्‍तेजित करने वाले हार्मोन्‍स ज्‍यादा सक्रिय रहते हैं।

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से नुकसान नहीं बल्कि होते हैं फायदे

वाशिंगटन। आमतौर पर महिलाओं के पीरियड्स को लेकर यह धारणा बनी हुई है कि इस दौरान यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए। लेकिन वास्‍तविक तौर पर यह धारणा पूरी तरह से गलत है।

दरअसल सभी महिलाएं अपने जीवन में मासिक धर्म का सामना करती हैं। इस बारे में ज्‍यादातर महिलाओं को यह नहीं मालूम होता है कि उन्‍हें पीरियड्स के दौरान यौन संबंध क्‍यों नहीं बनाने चाहिए। लेकिन वे इस दौरान सेक्‍स करने का खिलाफ ही रहती हैं।

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विज्ञान ने खोजा सौंदर्य का समीकरण

वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने महिलाओं के चेहरे के आकर्षण का राज ढूँढ लिया है.

उनके मुताबिक ये सब आँखों, मुँह और कानों के बीच की दूरी और उसके अनुपात का कमाल है.

शोध के परिणामों के आधार पर कनाडाई पॉप गायिका शानिया ट्वेन के चेहरे को सबसे आकर्षक आँका गया है.

टोरंटो विश्वविद्यालय में हुए इस शोध को विजन रिसर्च नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.

शोधकर्ताओं ने किसी एक ही महिला की कलर फोटो को चुना और उसके चेहरे को अलग-अलग भागों में बाँट कर छात्रों से कहा कि वे उस हिस्से की सुंदरता पर अंक निर्धारित करें.

आर्टिकल जो आपकी जान बचा सकता है

आपदा के समय ज़्यादातर लोग वो अहम काम करने में असफल रहते हैं जो उनकी जान बचा सकता है.

लेकिन ऐसा क्यों होता है ? इसका जवाब खोजते समय 27 सितंबर 1994 की उस घटना पर ध्यान देना चाहिए जिसमें 852 लोग समुद्र में डूब गए थे.

उस दिन सुबह सात बजे समुद्री जहाज़ एमएस एस्टोनिया 989 मुसाफ़िरों को लेकर तालिन बंदरगाह से रवाना हुआ. उसे बाल्टिक सागर पार कर स्टॉकहोम जाना था. पर जहाज़़ कभी वहाँ नहीं पंहुचा.

बंदरगाह छोड़ने के छह घंटे बाद जहाज़ ज़बरदस्त तूफ़ान में फंस गया, इसके सामने का दरवाज़ा टूट गया और पानी तेज़ी से अंदर घुसने लगा.

दूध में डिटर्जेंट की जाँच करने के उपाय

आम तौर पर दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए लैक्टोमीटर प्रयोग किया जाता है या फिर रसायनों की सहायता से इसे परखा जा सकता है.

लेकिन रसायनों का इस्तेमाल आम लोग नहीं कर सकते और लैक्टोमीटर से सिर्फ़ दूध में पानी की मात्रा का पता चल सकता है, इससे सिंथेटिक दूध को नहीं पकड़ा जा सकता है.

बच्चों को मंदबुद्धि बना सकता है 'टैबलेट प्रेम

बच्चों में टैबलेट और स्मार्ट फ़ोन की बढ़ती आदत की वजह से उनकी तकनीकी कुशलता को नुकसान पहुंच सकता है.

यह बात ऑस्ट्रेलिया की एक शैक्षणिक संस्था की रिपोर्ट में सामने आई है.

संस्था ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि साल 2011 से कुछ बच्चों में आईटी साक्षरता के मामले में 'महत्वपूर्ण गिरावट' आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक़ बच्चों ने स्मार्टफ़ोन और टैबलेट पर अलग तरह की कुशलता सीखी है जोकि कार्यस्थलों पर ज़रूरत पड़ने वाली तकनीकी कुशलता से अलग है.

अलग-अलग ग्रहों से आए हैं पुरुष और महिलाएं?

अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि 'मैन आर फ़्रॉम मार्स, वीमेन आर फ़्रॉम वीनस' यानी पुरुष मंगल ग्रह से और महिलाएं शुक्र से आई हैं. लेकिन इन दोनों के मस्तिष्क पर हुए एक अध्ययन का मानना है कि एक मायने में यह सही हो सकता है.

एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि पुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क की बुनावट इस क़दर भिन्न है कि लगता है कि दोनों ही अलग-अलग ग्रह की प्रजातियां हैं.

पुरुषों के मस्तिष्क की बुनावट आगे से पीछे की ओर होती है और दोनों हिस्सों को जोड़ने के लिए कुछ ही तंतु होते हैं जबकि महिलाओं के मस्तिष्क में तंतु बाएं से दाहिने और दाहिने से बाएं तिरछे एकदूसरे से जुड़े रहते हैं.

ज़्यादा सफ़ाई हो सकता है ख़तरनाक?

क्या आप रोज़ सुबह स्नान करते हैं या कुछ दिन के अंतराल पर? क्या आप अपनी बेडशीट हर सप्ताह बदलते हैं या तब तक इस्तेमाल करते हैं जब तक वह मैली न हो जाए?

आपके तौलिए कैसे हैं- नए या फिर काफ़ी पुराने? आप उन्हें हर शनिवार साफ़ करते हैं या फिर जब तक वे पूरी तरह गंदे न हो जाएं?

जी हां, बात सफ़ाई की हो रही है. दरअसल हमारे साबुन बैक्टीरिया रोधी होते हैं. घरों में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर्स भी 99.9 फ़ीसदी कीटाणुओं को खत्म कर देते हैं.

आम धारणा यही है कि बैक्टीरिया, कीटाणु अच्छे नहीं होते.

जल्‍दी पिता बनने के लिए एक घंटे में करें दो बार सेक्‍स

कई पुरुष यौन संबंध बनाने के बाद जल्‍दी पिता बनने की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो पाते हैं। हाल ही में इसी संबंध में एक शोध सामने आया है।

शोध के मुताबिक, पुरुषों द्वारा एक घंटे में दो बार सेक्‍स करने के बाद वे जल्‍दी से पिता बन सकते हैं। दरअसल घंटेभर के भीतर ही दो बार सेक्‍स पुरुषों की प्रजनन क्षमता को तिगुना कर देता है।

लंदन के नॉर्थ मिडिलसेक्‍स अस्‍पताल के शोधकर्ताओं ने यह अध्‍ययन लंबे समय तक किया है। शोध में सामने आया है कि पुरुष स्‍पर्म का दूसरा सैंपल एक घंटे में आजाता है। इससे इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सफलता के आसार कई गुना अधिक बढ़ जाते हैं।

आधे मस्तिष्क से भी इन्सान रह सकते हैं ज़िंदा !

सुनकर हैरत होगी लेकिन कुछ व्यक्तियों में पाया गया कि उनके दिमाग़ का एक बड़ा हिस्सा ग़ायब है और उन्हें कोई ख़ास बीमारी भी नहीं है. लेकिन ऐसा क्यों?

मस्तिष्क को मानव शरीर का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है और इसका भी अगर महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं हो तो क्या होगा?

टॉम स्टेफ़ोर्ड की पड़ताल

पहली बात तो यह है कि हमें अपने मस्तिष्क के कितने हिस्से की असल में ज़रूरत होती है?

पिछले कुछ महीनों में आई उन ख़बरों पर नज़र दौड़ाई जाए, जिनमें व्यक्ति के दिमाग़ का बड़ा हिस्सा ग़ायब था, तो कुछ चौंकाने वाली बात सामने आती है.

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