हार्टफेल से बचाएगा एरोबिक एक्‍सरसाइज.

हार्ट फेल हो जाना, एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज होना असंभव है। यह सिंड्रोम, कार्डिक आउटपुट की कमी के द्वारा सामने आती है जिससे रोगी को मरीज को सांस लेने में समस्‍या होने लगती है और दिल रूक जाता है व मृत्‍यु हो जाती है। 

हाल ही में चूहों पर किए गए एक अध्‍ययन के मुताबिक, एरोबिक एक्‍सरसाइज; जैसे - ब्रिस्‍क वॉकिंग, रनिंग, जॉगिंग या स्‍वीमिंग, हार्ट फेल में कार्डिक प्रोटीन क्‍वालिटी कंट्रोल सिस्‍टम को रिस्‍टोर करने के लिए संभावित है। 

अब नारियल बतायेगा ब्लड ग्रुप.

लोग अक्सर अपना ब्लड ग्रुप टेस्ट करवाने के लिए हॉस्पिटल या किसी ब्लड कैंप में जाते है पर सोचिये अगर आपको अपने ब्लड ग्रुप का पता घर बैठे ही चल जाए तो आपको कही जाना नहीं पड़ेगा ! जी हा मात्र एक नारियल से आप अपना ब्लड ग्रुप जांच सकते है !

मलेरिया से बचा सकती है,आपको मुर्गी की गंध.

मुर्गी की गंध आपको मलेरिया से बचा सकती है
मुर्गी की गंध मलेरिया से आपका बचाव कर सकती है.
इथिओपिया और स्वीडन के वैज्ञानिकों के अध्ययन के मुताबिक़ मलेरिया फैलाने वाले मच्छर चिकन और दूसरे पक्षियों से दूर भागते हैं.
पश्चिमी इथिओपिया में किए गए एक शोध में मच्छरदानी में सोए हुए एक शख़्स के पास पिंजड़े में मुर्गी रखी गई.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ अफ्रीक़ा में पिछले साल मलेरिया से चार लाख लोगों की मौत हुई.
मलेरिया के पैरासाइट ख़ून में फैलने से पहले लीवर में छुपे होते हैं. मलेरिया के मच्छर संक्रमित व्यक्ति का ख़ून पीते हैं और फिर उस पैरासाइट को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाते हैं.

झूठ कैसे दिमाग में पनपता है

झूठ, एक असत्य बयान के रूप में दिया गया एक प्रकार का धोखा है, जो विशेष रूप से किसी को धोखा देने की मंशा से बोला जाता है और प्रायः जिसका उद्देश्य होता है किसी राज़ या प्रतिष्ठा को बरकरार रखना, किसी की भावनाओं की रक्षा करना या सजा या किसी के द्वारा किए गए कार्य की प्रतिक्रिया से बचना. झूठ बोलने का तात्पर्य कुछ ऐसा कहने से होता है जो व्यक्ति जानता है कि गलत है या जिसकी सत्यता पर व्यक्ति ईमानदारी से विश्वास नहीं करता और यह इस इरादे से कहा जाता है कि व्यक्ति उसे सत्य मानेगा.

चिकनगुनिया वाले मच्छर की कहानी

चिकनगुनिया का चिकन या मुर्गी से कोई ताल्लुक नहीं है, इस बीमारी के नाम की कहानी काफ़ी दिलचस्प है.

इस बीमारी का पता पहली बार 1952 में अफ्रीका में चला था. मोज़ाम्बिक और तंजानिया के सीमावर्ती मकोंडे इलाक़े में इस बीमारी ने गंभीर रूप ले लिया था.

मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी के वायरस की पहचान एक बीमार व्यक्ति के ख़ून के नमूने से हुई थी.

मकोंडे इलाक़े में स्वाहिली भाषा बोली जाती है जिसमें चिकनगुनिया का मतलब होता है-"अकड़े हुए आदमी की बीमारी." जिस व्यक्ति के ख़ून के नमूने से चिकनगुनिया वायरस की पहचान हुई थी, वह हड्डी के दर्द से बुरी तरह अकड़ गया था.

आराम की नींद पाने के लिये बेड़रूम में लगाएं ये पौधे

कई लोंगो को रात में अच्‍छी नींद नहीं आती, जिसके लिये वे दवाइयों का सेवन करना शुरु कर देते हैं। आज हम आपको ऐसे पांच पौधों के नाम बताएंगे, जिसे आप आराम से अपने बेड़रूम में लगा सकते हैं।

इन पौधों को लगाने से आपको नींद आएगी और शांति का एहसास होगा। आइये जानते हैं इनके बारे में...

एलोवेरा
कहते हैं कि एलोवेरा रात को ऑक्‍सीजन छोड़ता है जिससे नींद ना आने की बीमारी में लाभ मिलता है और नींद भी अच्‍छी क्‍वालिटी की आती है। 

जी उठने की उम्मीद है लाशों को

अमरीका में कैंसर की मरीज़ 14 साल की एक लड़की को इसकी इजाज़त मिली थी कि मौत के बाद उसके शरीर को संभाल कर रखा जाए. उस किशोरी की मौत अक्टूबर में हो गई.

शरीर को संभालकर रखने की इस विधि को 'क्रायोजेनिक्स' कहा जाता है. क्रायोजेनिक्स यह उम्मीद दिलाता है कि मरा हुआ इंसान सालों बाद जी उठेगा. हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं कि ऐसा होगा.

आख़िर यह कैसे होता है?

मौत के बाद जितनी जल्दी हो सके, लाश को ठंडा कर जमा दिया जाए ताकि उसकी कोशिकाएं, ख़ास कर मस्तिष्क की कोशिकाएं, ऑक्सीजन की कमी से टूट कर नष्ट न हो जाएं.

इसके लिए पहले शरीर को बर्फ़ से ठंडा कर दिया जाता है.

बंदर जैसे चेहरे के साथ पैदा हुआ बेबी पिग

चीन में एक बेबी पिग बंदर जैसे चेहरे के साथ पैदा हुआ है। बेबी पिग का चेहरा बंदर जैसा है। इस पिग की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही वायरल हो गई है। वहीं लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आ रहे हैं। चीन के झीजिंन में पैदा हुए इस अजीबो-गरीब चेहरे वाले पिग को लेकर लोगों में कौतुहल है। वहीं पिग का मालिक इस अनोखे बेबी पिग को अपने बच्चे की तरह पाल रहा है। वो उसे इंसानों के बच्चे की तरह बोतल से दुध पिलाता है। उसे अपने साथ घर में रखता है और उसका बच्चों की तरह ख्याल रखता है।

बढ़े हुए पेट से निजात पाना है आसान

हर कोई पतला और फिट रहना चाहता है। इसके लिए वह क्या नहीं करता हैं। जिससे कि इस समस्या से निजात मिल जाएं। लेकिन कई ऐसी समस्याएं हो जाती है। जिसके कारण हम अपना डाइटिंग में टाइम नहीं दे पाते हैं। जो कि कम समय के कारण सबसे अधिक होता हैं। ये भी पढ़े- दिन में सिर्फ 6 भुने हुए लहसुन खाने के है बेमिसाल फायदे जानिए आपके लिए पिज्जा ज्यादा फायदेमंद है या फिर पास्ता जानिए आखिर आपकी सेहत के लिए चावल सही है या फिर रोटी?

सर्दियों में अपने पैरों को रखें सॉफ्ट

हमारे जीवनकाल के दौरान पैरों के तलवे दौड़ने, चलने और खड़े होने पर पूरे दबाव का सामना करते हैं। पैरों में दर्द से जुड़ी जानकारी के अनुसार, हमारे पैर में 26 हड्डियां और संबद्ध स्‍नायुबंधन होते हैं, जो पैर को एक अवशोषक और लीवर के रूप में काम करने की अनुमति देते हैं। पैरों में दर्द पैर के किसी भी हिस्‍से को प्रभावित कर सकता है सर्दियों में अक्सर पैर रूखे हो जाते हैं। एड़ी फट जाती है और दर्द होता है। हम अपने चेहरे और हाथों पर तो ध्यान दे ही लेते है, लेकिन पैरों में हमारा ध्यान नहीं जाता है जिसके कारण पैरों में फंगस, खुजली, फटी एड़ियों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।  जिसके लिए आप पार्लर, डॉक्

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