चिकनगुनिया वाले मच्छर की कहानी

चिकनगुनिया का चिकन या मुर्गी से कोई ताल्लुक नहीं है, इस बीमारी के नाम की कहानी काफ़ी दिलचस्प है.

इस बीमारी का पता पहली बार 1952 में अफ्रीका में चला था. मोज़ाम्बिक और तंजानिया के सीमावर्ती मकोंडे इलाक़े में इस बीमारी ने गंभीर रूप ले लिया था.

मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी के वायरस की पहचान एक बीमार व्यक्ति के ख़ून के नमूने से हुई थी.

मकोंडे इलाक़े में स्वाहिली भाषा बोली जाती है जिसमें चिकनगुनिया का मतलब होता है-"अकड़े हुए आदमी की बीमारी." जिस व्यक्ति के ख़ून के नमूने से चिकनगुनिया वायरस की पहचान हुई थी, वह हड्डी के दर्द से बुरी तरह अकड़ गया था.

आराम की नींद पाने के लिये बेड़रूम में लगाएं ये पौधे

कई लोंगो को रात में अच्‍छी नींद नहीं आती, जिसके लिये वे दवाइयों का सेवन करना शुरु कर देते हैं। आज हम आपको ऐसे पांच पौधों के नाम बताएंगे, जिसे आप आराम से अपने बेड़रूम में लगा सकते हैं।

इन पौधों को लगाने से आपको नींद आएगी और शांति का एहसास होगा। आइये जानते हैं इनके बारे में...

एलोवेरा
कहते हैं कि एलोवेरा रात को ऑक्‍सीजन छोड़ता है जिससे नींद ना आने की बीमारी में लाभ मिलता है और नींद भी अच्‍छी क्‍वालिटी की आती है। 

जी उठने की उम्मीद है लाशों को

अमरीका में कैंसर की मरीज़ 14 साल की एक लड़की को इसकी इजाज़त मिली थी कि मौत के बाद उसके शरीर को संभाल कर रखा जाए. उस किशोरी की मौत अक्टूबर में हो गई.

शरीर को संभालकर रखने की इस विधि को 'क्रायोजेनिक्स' कहा जाता है. क्रायोजेनिक्स यह उम्मीद दिलाता है कि मरा हुआ इंसान सालों बाद जी उठेगा. हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं कि ऐसा होगा.

आख़िर यह कैसे होता है?

मौत के बाद जितनी जल्दी हो सके, लाश को ठंडा कर जमा दिया जाए ताकि उसकी कोशिकाएं, ख़ास कर मस्तिष्क की कोशिकाएं, ऑक्सीजन की कमी से टूट कर नष्ट न हो जाएं.

इसके लिए पहले शरीर को बर्फ़ से ठंडा कर दिया जाता है.

बंदर जैसे चेहरे के साथ पैदा हुआ बेबी पिग

चीन में एक बेबी पिग बंदर जैसे चेहरे के साथ पैदा हुआ है। बेबी पिग का चेहरा बंदर जैसा है। इस पिग की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही वायरल हो गई है। वहीं लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आ रहे हैं। चीन के झीजिंन में पैदा हुए इस अजीबो-गरीब चेहरे वाले पिग को लेकर लोगों में कौतुहल है। वहीं पिग का मालिक इस अनोखे बेबी पिग को अपने बच्चे की तरह पाल रहा है। वो उसे इंसानों के बच्चे की तरह बोतल से दुध पिलाता है। उसे अपने साथ घर में रखता है और उसका बच्चों की तरह ख्याल रखता है।

बढ़े हुए पेट से निजात पाना है आसान

हर कोई पतला और फिट रहना चाहता है। इसके लिए वह क्या नहीं करता हैं। जिससे कि इस समस्या से निजात मिल जाएं। लेकिन कई ऐसी समस्याएं हो जाती है। जिसके कारण हम अपना डाइटिंग में टाइम नहीं दे पाते हैं। जो कि कम समय के कारण सबसे अधिक होता हैं। ये भी पढ़े- दिन में सिर्फ 6 भुने हुए लहसुन खाने के है बेमिसाल फायदे जानिए आपके लिए पिज्जा ज्यादा फायदेमंद है या फिर पास्ता जानिए आखिर आपकी सेहत के लिए चावल सही है या फिर रोटी?

सर्दियों में अपने पैरों को रखें सॉफ्ट

हमारे जीवनकाल के दौरान पैरों के तलवे दौड़ने, चलने और खड़े होने पर पूरे दबाव का सामना करते हैं। पैरों में दर्द से जुड़ी जानकारी के अनुसार, हमारे पैर में 26 हड्डियां और संबद्ध स्‍नायुबंधन होते हैं, जो पैर को एक अवशोषक और लीवर के रूप में काम करने की अनुमति देते हैं। पैरों में दर्द पैर के किसी भी हिस्‍से को प्रभावित कर सकता है सर्दियों में अक्सर पैर रूखे हो जाते हैं। एड़ी फट जाती है और दर्द होता है। हम अपने चेहरे और हाथों पर तो ध्यान दे ही लेते है, लेकिन पैरों में हमारा ध्यान नहीं जाता है जिसके कारण पैरों में फंगस, खुजली, फटी एड़ियों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।  जिसके लिए आप पार्लर, डॉक्

तेजी से बढ़ रहा बोतल से दूध पिलाने का प्रचलन

माना जाता है कि मां का दूध बच्चे की सेहत के लइे सबसे अदिक लाभदायक होता है। वह उसे कई बीमारियों से बचाता है। आज के समय में अपने बच्चों को सीधे स्तनपान कराने की बजाय पंप या हाथ से निकाले गए दूध पिलाने वाली मांओं की संख्या बढ़ रही है। ये भी पढ़े- अगर आप पीते है हर्बल चाय, तो भूलकर भी न करें ये गलतियां मुठ्ठीभर बादाम खाने से कैंसर सहित इन बीमारियों से रखेगा दूर एक नए शोध में यह बात सामने आई है। स्तनपान को पहले भी शिशुओं और छोटे बच्चों के पोषण, प्रतिरोधी क्षमता, वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है।

पियें मेथी का पानी और दूर करें बीमार जिंदगी

मेथी ना सिर्फ एक मसाला है बल्‍कि यह हर बीमारी को जड़ से खतम करने की दवा भी है। आज हम आर्टिकल में हम आपको मेथी के गुण नहीं बल्‍कि मेथी के पानी के गुण बताने वाले हैं।

आपको करना सिर्फ इतना है कि एक पानी से भरा गिलास ले कर उसमें दो चम्‍मच मेथी दाना डाल कर रातभर के लिये भिगो दें। सुबह इस पानी को छानें और खाली पेट पी जाएं।

ऐसा करने से मेथी के पानी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्‍सीडेंट गुण बढ जाते हैं, जिससे आपके शरीर की तमाम बीमारियां पल भर में ही खतम हो जाएंगी। आइये जानते हैं कि मेथी का पानी पीने से कौन-कौन से 8 लाभ होते हैं।

गुप्तांगो या बगलों के बालों की सफाई का महत्व

सामान्यतः महिलायों का यें मानना होता है कि गुप्तांगों या बगलों या फिर पुरे शरीर के बाल बेकार अर्थात् अवांछित होते है, विशेषकर जब बात फैशन की हो, परन्तु वास्तविकता कुछ और है, वास्तव में यें बाल हमारे कोमल अंगों की सुरक्षा का काम करते है. बगलों के बाल सर्दियों में उसके आस-पास की त्वचा को गर्मी प्रदान करते है. गर्मियों में बगल में पसीना अपेक्षाकृत ज्यादा आता है क्यूंकि पुरे दिन में हमारे द्वारा हाथ या बांह का प्रयोग/संचालन ज्यादा होता है. यें बाल पसीना सोखने का भी काम करते है. अत: ऐसा मानना गलत होगा कि हमारे शरीर पर इनका कोई उपयोग या काम नहीं है.

मखाना खाने के जादुई प्रभाव

 "मखाना" संस्कृत के दो शब्द मख व अन्न से बना है। मख का मतलब यज्ञ होता है। अर्थात यज्ञ में प्रयुक्त होने वाला अन्न। जीवन काल से लेकर मृत्यु के बाद भी मखाना मिथिलांचल वासियों से जुड़ा रहता है। मखाने की खेती पूरे मिथिलांचल में होती है। दरभंगा में उत्पन्न होने वाला मखाना उत्तम कोटि का माना जाता है। मखाने कमल के बीजों की लाही है। मखाना को देवताओं का भोजन कहा गया। पूजा एवं हवन में भी यह काम आता है। इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं। क्योंकि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है। आचार्य भावमिश्र (1500-1600) द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु में इसे पद्मबीजाभ एवं पानीय फल कहा

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