तेजी से बढ़ रहा बोतल से दूध पिलाने का प्रचलन

माना जाता है कि मां का दूध बच्चे की सेहत के लइे सबसे अदिक लाभदायक होता है। वह उसे कई बीमारियों से बचाता है। आज के समय में अपने बच्चों को सीधे स्तनपान कराने की बजाय पंप या हाथ से निकाले गए दूध पिलाने वाली मांओं की संख्या बढ़ रही है। ये भी पढ़े- अगर आप पीते है हर्बल चाय, तो भूलकर भी न करें ये गलतियां मुठ्ठीभर बादाम खाने से कैंसर सहित इन बीमारियों से रखेगा दूर एक नए शोध में यह बात सामने आई है। स्तनपान को पहले भी शिशुओं और छोटे बच्चों के पोषण, प्रतिरोधी क्षमता, वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है।

अध्ययन से पता चलता है कि ऐसी माएं जो पंप या बोतल के सहारे बच्चों को दूध पिलाती हैं, उन्होंने स्तनपान कराने वाली माताओं की तुलना में जल्दी ही अपने बच्चों को शिशु फार्मूला आहार देना शुरू कर दिया। इस प्रवृत्ति से हमारे अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। टारंट ने कहा कि हालांकि हाथ या पंप से निकाला गया दूध शिशु फार्मूला आहार की तुलना में ज्यादा लाभकारी होता है। बोतल से दूध पिलाने पर श्वसन संबंधी दिक्कतें, अस्थमा, ज्यादा वजन और मुंह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि शिशु फार्मूला से आहार देना, स्तनपान कराने के अनुभव की कमी, योजनाबद्ध सीजेजियन प्रसव और प्रसव बाद काम पर जाना आदि कुछ कारक हैं जो पंप या हाथ से निकाले गए दूध की उच्च दर से जुड़े हुए हैं। अध्ययन के लिए टारंट और हांगकांग विश्वविद्यालय के डोरोथी बाई ने हांगकांग में रह रहे 2,000 से ज्यादा माताओं के शिशुओं के पोषण के तरीकों का परीक्षण किया। पांच साल के बाद माताएं बच्चों को सीधे स्तनपान कराने के बजाय शिशुओं को पंप या हाथ से निकाले गए दूध को बोतल के द्वारा पिलाती हैं।

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